गत वर्ष आदिवासी क्षेत्र कोटड़ा में आदि महोत्सव का आयोजन किया गया था और पूर्व जिला कलक्टर ताराचंद मीणा की इस पहल को काफी पसंद किया गया। प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को बिरसा मुण्डा जयंती के अवसर पर उदयपुर में आदि महोत्सव मनाए जाने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज इसे पर्यटन कैलेंडर में जोड़ने का आग्रह किया था। जिसकी स्वीकृति मिल गई और अब पर्यटन कैलेंडर में आदि महोत्सव को एक महोत्सव के रूप में शामिल कर लिया गया है। वहीं, इस महोत्सव के लिए 2 लाख रुपए का बजट भी जारी किया गया है।
आदि महोत्सव से जनजाति क्षेत्रों को मिलेगी पहचान, पर्यटन को होगा फायदा
पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि आदि महोत्सव के आयोजन के पीछे यहां के जनजाति परिवेश, संस्कृति और नैसर्गिंक सौंदर्य से पर्यटन को जोड़ना है। इससे जनजातीय क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। वहीं, उदयपुर आने वाले पर्यटकों का यहां ठहराव बढ़ाने के लिए इन क्षेत्रों के प्रति आकर्षण बढ़ाना होगा। आदि महोत्सव जैसे आयोजन ऐसा कर सकेंगे।