हाड़ौती जार सम्मेलन में जुटे पत्रकार, नेशनल जर्नलिस्ट्स रजिस्ट्रर और
पत्रकार सुरक्षा कानून को बताया जरूरी।
jaipur/Rajasthan
नेशनल जर्नलिस्ट्स रजिस्ट्रर और
पत्रकार सुरक्षा कानून, पत्रकार आवास योजना समेत पत्रकार हितों के लिए नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस
इंडिया और राजस्थान ईकाई जार आन्दोलनरत है। जब तक सरकार ये मांगे नहीं मान लेती है तब तक एनयूजेआई और सम्बद्ध सभी राज्यों की इकाइयां संघर्ष करेगी। पूर्व की तरह आगे भी संसद और विधानसभा भवनों ज सामने प्रदर्शन करती रहेगी। यह बात एनयूजे आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी ने कोटा ग्रामीण जार इकाई द्वारा रामगंजमंडी की होटल सहारा पैलेस में आयोजित हाड़ौती जार पत्रकार सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि देश में मीडिया काउंसिल सबसे जरूरी है। काउंसिल बनने से पत्रकार हितों की रक्षा होगी।
पत्रकार समाज में एकता नहीं है। इसी वजह से सरकारें पत्रकार हितों के मुद्दों का समाधान नहीं करती। केंद्र सरकार और सरकारी पोर्टल 30 करोड़ कामगारों की डिटेल रखते है लेकिन दिन रात मीडिया के बीच रहने सरकार पत्रकारों की वास्तविक संख्या, रोजगार, वेतन भत्ते की कोई जानकारी नहीं है।
व्यापारिक व्यकितयों के काबिज होने से पत्रकारिता व पत्रकार समाज पर प्रतिकूल असर पड़ा है। पत्रकारों को वेतन नहीं मिल रहा है। हजारों लोगों की छंटनी कर दी। वेतन काफी कम कर दिया। जिलों और ग्रामीण पत्रकारों की ओर भी बुरे हालात है। पत्रकारों के हक ओर हितों के लिये हमारा संगठन हमेशा आन्दोलनरत रहा है। आगे भी रहेगा। रासबिहारी ने कहा कि राजस्थान में राकेश शर्मा और सुभाष शर्मा के नेतृत्व में जार राजस्थान पत्रकार हितों के लिए अच्छा कार्य कर रहा है।
नेशनल जर्नलिस्ट्स रजिस्टर की मांग जयपुर से की थी। इसके लिए संघर्ष कर रहे है। सरकार से इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं। रासबिहारी ने 26 व 27 अगस्त को जयपुर में आयोजित महाधिवेशन की जानकारी देते हुए सभी पत्रकारों को आने का आह्वान किया।
एनयूजेआई हमेशा पत्रकार हितों के साथ
ग्रामीण पत्रकारिता को बेहतर स्वरूप देने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है नेशनल रजिस्टर बने। यह बात एनयूजेआई
के राष्टीय महासचिव प्रदीप तिवारी ने जार के संभागीय सम्मेलन में कही। नेशनल रजिस्टर से पत्रकार कौन होगा यह तय होगा। दूसरा प्रेस सुरक्षा कानून लागू होना चाहिये। क्योंकि पत्रकार जब व्यवस्था के खिलाफ खबर लिखते तो अपने आप को असुरक्षित महसूस करता है। ग्रामीण पत्रकारिता में लोगो को तहसील स्तर की शासन से अधिमान्यता मिले। रेलवे कन्सेसन पुनः बहाल किया जाए। इसके लिए एनयूजे हमेशा ये सभी पत्रकारों के मुद्दे पर सरकार से मांग उठाते रहे है।
संगठित होकर लड़ाई लड़नी होगी:राकेश शर्मा
सम्मेलन को जार के पूर्व अध्यक्ष राकेश शर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जार की इकाई पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, पत्रकार आवास के लिए लगातार प्रयास कर रही है।पत्रकारों को अपने हित के लिए संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए। जार हमेशा से पत्रकार हितों के लिये कार्य करता रहा है।
पत्रकार अपनी हितों के लिए कार्य करें:गजेंद्र व्यास
कोटा प्रेस क्लब अध्यक्ष गजेंद्र व्यास ने भी पत्रकारों के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि निंदा और बुराई करने के बजाय पत्रकार अपनी हितों के लिए कार्य करें। कैसे पत्रकार आर्थिक, सामाजिक तौर पर मजबूत बनें इसके लिए सभी संगठन, क्लब सोचे और कार्य करें। झालावाड़ प्रेस क्लब अध्यक्ष
संजय बापना ने कहा कि सरकार को पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करना चाहिए।सरकार अधिस्वीकृत पत्रकारों के अलावा किसी को पत्रकार नही मानती,ऐसा नही होना चाहिए। अधिस्वीकृत पत्रकारों के मापदंड जो है उनमें सरलीकरण होना चाहिए।पत्रकार सम्मेलन को प्रदेश महासचिव भागसिंह,प्रदेश उपाध्यक्ष भंवरसिंह कछवाहा, प्रदेश सचिव अशोक श्रीश्रीमाल ,रामगंजमंडी के साहित्यकार रामगोपाल राजा ,कोटा ग्रामीण जार इकाई अध्यक्ष राजू राठौर ने सम्बोधित किया। आभार जार इकाई महासचिव जितेंद जोशी ने व्यक्त किया। सम्मेलन में पुलिस उप अधीक्षक संजय सिंह व पुलिस निरीक्षक मनोज कुमार ,प्रशासनिक अधिकारी नायब तहसीलदार, पालिकाध्यक्ष देवीलाल सैनी,कोटा जार अध्यक्ष असलम रोमी, बूंदी जिलाध्यक्ष कलीमुद्दीन,झालावाड जिलाध्यक्ष दिलीपसिंह सहित संभाग के सेंकडो पत्रकारों ने भाग लिया। सभी पत्रकारों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कोटा जिला अध्यक्ष असलम रोमी ने एनयूजे आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी व महासचिव प्रदीप तिवारी को स्मृति चिन्ह भेंट किए।