Udaipur / उदयपुर सहित प्रदेश भर मे होलिका दहन हुआ, बहुत सी जगहों पर वैदिक मंत्रोचार व पूजा के बाद शुभ मुहूर्त मे दहन किया गया,
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होली सिर्फ एक त्यौहार ही नहीं, बल्कि बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, क्रूरता के ऊपर इंसाफ का प्रतीक हैं I
होली रंगो का तथा हंसी -खुशी का त्यौहार है I यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्यौहार हैं, जो आज विश्वभर मै मनाया जाने लगा है I रंगों का त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व पारम्परिक रूप से दो दिन मनाया जाता हैं I यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल मे मनाया जाता हैं I यह त्यौहार कई अन्य देशो जिनमे हिन्दू लोग रहते हैं वहा पर भी धूम-धाम केसाथ मनाया जाता हैं I पहले दिन होलिका को जलायी जाती हैं, जिसे होलिका दहन कहते हैं I दूसरे दिन, जिसे धुलण्डी कहते हैं, इसमें लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर ग़ुलाल इत्यादि लगते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर घर जा कर लोगो को रंग लगाया जाता हैं हैं I ऐसा माना जाता हैं कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर दोस्त बन जाते हैं I एक दूसरे को रंगने और गाने -बजाने का दौर दोपहर तक चलता हैं I इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं I